बुध देव का जन्म कैसे हुआ? बुध देव के माता पिता कौन हैं?

✓✓✓ #बुध देव का #जन्म कैसे हुआ? ✓✓✓ ✓✓✓ #बुध देव के #माता #पिता कौन हैं? ✓✓✓ ∆ देवगुरु #बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं । चंद्रमा भी बृहस्पति के शिष्यों में से एक थे। बृहस्पति की पत्नी #तारा बेहद खूबसूरत थी। सुंदरता में #चंद्रमा भी कुछ कम नहीं थे। तारा चंद्रमा की सुंंदरता पर मोहित हो गई और उनके प्रेम में पड़ गई। चंद्रमा भी अपने गुरु की पत्नी से प्रेम करने लगे। तारा ने बृहस्पति को छोड़ दिया और चंद्रमा के साथ रहना शुरु कर दिया। बृहस्पति के बहुत समझाने और वापस बुलाने पर भी जब तारा नहीं मानी, तो बृहस्पति क्रोधित हो गए और अपने ही शिष्य चंद्रमा के साथ युद्ध करने की ठान ली। बृहस्पति देवताओं के गुरु थे, इसीलिए सभी देवता उनके पक्ष में खड़े हो गए। उधर शत्रु के शत्रु को मित्र मानकर दैत्यगुरु #शुक्राचार्य ने चंद्रमा का पक्ष लिया। ∆ युद्ध छिड़ गया । यह युद्ध तारा की कामना के लिए किया जा रहा था, इसीलिए इस युद्ध को #तारकाम्यम युद्ध कहा गया। युद्ध में हो रही भारी नुकसान को देख सृष्टि के रचयिता #ब्रह्मा जी बेहद परेशान हो गए। इस विशाल युद्ध से सृष्टिकर्त्ता ब्रह्मा को भय हुआ कि यह कहीं पूरी सृष्टि को ही समाप्त ना कर दे, तो वे बीच बचाव कर इस युद्ध को रुकवाने का प्रयोजन करने लगे। जैसे-तैसे बीच-बचाव कर उन्होंने तारा को समझाकर वापस बृहस्पति के पास भेज दिया। कुछ समय बाद ही तारा ने एक पुत्र को जन्म दिया, जो कि बेहद सुंदर था। बृहस्पति तारा के पति थे, तो स्वाभाविक तौर पर वे बच्चे के पिता कहलाए, लेकिन चंद्रमा ने स्वयं को उस बच्चे का पिता होने का दावा किया। ∆ पुनः बृहस्पति और चंद्रमा के बीच स्थिति तनावपूर्ण होने लगी। बृहस्पति और चंद्रमा के दावे के बीच तारा चुप थी। अपनी माँ की चुप्पी को देखकर बुध क्रोधित हो गए और तारा से सत्य बताने को कहा। तब तारा ने बुध को बताया कि तुम चंद्रमा के पुत्र हो। इस प्रकार बुध के #पिता चंद्रमा और #माता तारा हैं। मान्यता है कि गंभीर बुद्धि होने के कारण ही ब्रह्मा जी ने इनका नाम बुध रखा था। ∆ #चन्द्रमा का पुत्र माने जाने के कारण बुध को #क्षत्रिय माना जाता है। यदि उन्हें बृहस्पति का पुत्र माना जाता तो उन्हें ब्राह्मण माना जाता। बुध का लालन-पालन चन्द्रमा ने अपनी पत्नी #रोहिणी को सौंपा। इसलिए बुध को #“रौहिणेय” भी कहते हैं। बुध-चन्द्रमा के पुत्र थे और बृहस्पति ने उन्हें पुत्र स्वरूप स्वीकार किया था। अत: चन्द्रमा और बृहस्पति दोनों के गुण बुध में सम्मिलित हैं। चन्द्रमा गन्धर्वो के अधिपति हैं। अत: उनके पुत्र होने के कारण #गन्धर्व विद्याओं के प्रणेता हैं। बृहस्पति के प्रभाव के कारण ये बुद्धि के कारक हैं। ∆ #महाभारत की एक कथा के अनुसार इनकी बुधि से प्रभावित होकर महाराज #मनु ने अपनी गुणवती कन्या #इला का इनके साथ विवाह कर दिया इला और बुध के संयोग से महाराज #पुरूरवा की उत्पत्ति हुई इस तरह #चन्द्रवंश का विस्तार होता चला गया। ∆ #बुध ग्रह के अधिदेवता और प्रत्यधिदेवता भगवान #विष्णु हैं। बुध #मिथुन और #कन्या राशि के स्वामी हैं। इनकी #महा दशा 17 वर्ष की हैं। बुध ग्रह कि शान्ति के लिए प्रत्येक अमावस्या को व्रत करना चाहिए।ब्राह्मण को हाथी दात, हरा वस्त्र, मूँगा, सुवर्ण, कपूर शस्त्र, फल, षटरस भोजन तथा घृत का दान करना चाहिये। नवग्रह मंण्डल में इनकी पूजा #ईशानकोण में की जाती है। इनका प्रतीक बाण हैं तथा रंग #हरा हैं। ∆ #ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए कुछ बहुत आसान और प्रभावशाली उपाय बताए गए हैं। बुधवार के दिन सूर्यास्त होने से पहले गाय को हरा चारा खिलाएं। बुधवार को हरे रंग का खाना खाएं। हर बुधवार आठ साल से छोटी कन्याओं को हरे रंग की चूड़ियां, हरे वस्त्र या हरा भोजन दान करें।

Mon Oct 24, 2022